sanjana porwal

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पिता एक अदृश्य नायक

 पिता अदृश्य नायक होता

वह कभी हिम्मत बन हमारे साथ होता
वह मुश्किल वक्त में भी धैर्य नहीं खोता
वह काम की मजबूरी के कारण हमारे साथ नहीं होता
वह छिपकर हमें खुश देखता 
कभी बिन कहे हमारी मनपसंद वस्तुएं लाकर दे देता
कभी बिन कहे ही हमारी बात समझ लेता
इस अदृश्य नायक का गुणगान नहीं होता
पिता से बेहतर अदृश्य नायक कोई नहीं होता
प्रतियोगिता हेतु
 संजना पोरवाल

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5 Comments

Mohammed urooj khan

16-Apr-2024 11:40 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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kashish

12-Apr-2024 03:09 PM

Awesome

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Varsha_Upadhyay

12-Apr-2024 09:42 AM

Nice

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